मध्यप्रदेश के बाद अब गुजरात में भी कांग्रेस की मुश्किले बढ़ती जा रहीं हैं। राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के दो और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया हैं। इससे पहले भी मार्च में कांग्रेस के पांच विधकयक इस्तीफा दे चुके हैं। गुजरात में चार राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना हैं। 183 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 103 और कांग्रेस के 66 विधायक हैं।
गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने गुरुवार को प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी। राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा’ मैंने कर्जन सीट के विधायक पटेल वड़ोदरा और कपराड़ा सीट से विधायक जीतू चौधरी का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया हैं।
इस्तीफ़े स्वीकारें जाने के बाद से ही दोनों ही पार्टियों की तरफ़ से आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया हैं। कांग्रेस का आरोप हैं बीजेपी राज्यसभा चुनाव जितने के लिए ओछी राजनीति कर रही हैं। गुजरात विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी का कहना है ‘बीजेपी अपनी काली कमाई से कांग्रेस के विधायको को ख़रीद है। राज्यसभा चुनाव में विधायको की खरीददारी कर बीजेपी राज्य बचाने की साज़िश रच रही हैं’।
वही दूसरी तरफ़ भाजपा नेता नरहरी अमीन ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा है ‘कांग्रेस के विधायक पार्टी छोड़ रहें हैं क्योंकि वह पार्टी के नेतृत्व से खुश नहीं हैं’। चार राज्यसभा सीटों पर बीजेपी ने तीन तो वही कांग्रेस ने 2 उम्मीदवार उतारे है। बीजेपी ने अभय भारद्वाज, रमीला बारा और नरहरी अमीन पर दाव खेला हैं। जबकि कांग्रेस की तरफ़ से पूर्व मंत्री शक्ति सिंह गोहिल और भरतसिंह सोलंकी मैदान में हैं।
गुजरात विधानसभा के मौजूदा गणित के हिसाब से चार में से तीन भाजपा के वहीं एक सीट कांग्रेस के खाते में जाती नज़र आ रही हैं। ये पहली बार नहीं हैं जब गुजरात में राज्यसभा चुनाव आते ही कांग्रेस के विधायकों ने इस्तीफ़ा दिया हैं। 2017 में हुए राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस के कई विधायकों ने इस्तीफ़ा दिया था। जिसके बाद पार्टी के लिए जीत मुश्किल हो गई थी।