राजस्थान में सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। सचिन पायलट के कड़े बग़ावती तेवरों ने अशोक गहलोत की कुर्सी खतरे में डाल दी हैं। सचिन पायलट अपने ख़ेमे के लगभग 30 कांग्रेस और कुछ अन्य निर्दलीय विधायकों के साथ दिल्ली आ गए है। बताया जा रहा हैं के पायलट भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सीधे संपर्क में हैं। वह आज देर श्याम बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी कर सकते हैं।
पायलट और गहलोत के बीच 2018 में चुनाव जितने के बाद से ही तनातनी बनी हुई हैं पायलट का कहना है के गहलोत अपने समर्थकों के साथ उन्हें साइडलाइन करने की कोशिश कर रहे हैं। दरसअल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में राजस्थान में कांग्रेस को बहुमत मिलने का एक बड़ा कारण सचिन पायलट थे जिसके बाद उनका मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा था पर उन्हें उप मुख्यमंत्री की कुर्सी के साथ ही संतुष्ट होना पड़ा।
राजस्थान में पार्टी के भीतर लगी आग की चिंगारियां अब दिल्ली तक पहुँच गयी हैं। कल रात दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की शिर्ष नेतृत्व की बैठक के बाद अजय माकन,रणदीप सूरजेवाला और प्रभारी महासचिव अविनाश पाण्डेय को दिल्ली भेजा गया। बतौर पर्यवेक्षक जयपुर भेजे गए तीनों नेता आज विधायक दल के साथ बैठक करेंगे जिसमे सचिन पायलट के शामिल होने से साफ़ इंकार कर दिया हैं।
राजस्थान में तख्ता पलट होने की संभावनाओं ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की भी चिंता बढ़ा दी हैं राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता कपिल सिबल ने ट्वीट कर लिखा ‘मैं पार्टी के लिए चिंतित हूँ क्या हम तब जागेंगे जब अस्तबल से सभी घोड़े खोल लिए जाएंगे।