मणिपुर में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा गठबंधन सरकार गहरे राजनीतिक संकट में फंस गई। हुआ यूं कि जब भाजपा के तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और साथ ही छह अन्य विधायकों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। इस घटनाक्रम के बाद 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार अब अल्पमत में नजर आती दिख रही हैं।
हालांकि विधानसभा की प्रभावी सदस्य फिलहाल संख्या 59 है क्योंकि एंद्रो सीट से कांग्रेस टिकट पर निर्वाचित श्याम कुमार सिंह को भाजपा में शामिल होने की वजह से अयोग्य ठहरा दिया गया था। ताजा घटनाक्रम में उपमुख्यमंत्री वाई. जॉयकुमार के नेतृत्व में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार विधायकों (तीन अन्य मंत्री शामिल), तृणमूल कांग्रेस के एकमात्र विधायक और एक निर्दलीय विधायक ने भाजपा के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार से समर्थन वापस ले लिया। अब मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के खिलाफ विधायकों की संख्या 28 हो गई है।
इनमें 20 कांग्रेस, चार एनपीपी, दो भाजपा, एक तृणमूल कांग्रेस और एक निर्दलीय है। पार्टी छोड़ने वाले तीन भाजपा विधायकों में से एक सुभाषचंद्र ने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। पूर्व में भाजपा में जाने वाले सात कांग्रेस विधायक स्पीकर और हाई कोर्ट के समक्ष दल बदल विरोधी मामलों का सामना कर रहे हैं। आपको बता दे कि राज्य में 2017 में विधानसभा चुनाव हुए थे। राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति सामने आई थी. 28 विधायकों के साथ कांग्रेस नंबर वन पार्टी बनकर उभरी थी जबकि बीजेपी के 21ही विधायक जीतकर आए थे. लेकिन, बीजेपी ने सभी गैर कांग्रेसी विधायकों को अपने पाले में लाकर सरकार बनाने में सफल हुई थी।
कांग्रेस के इस राजनीतिक दाव से बीजेपी को मणिपुर की सत्ता गंवाने के साथ-साथ शुक्रवार को राज्य की एक मात्र राज्यसभा सीट पर होने वाले चुनाव में शिकस्त भी खानी पड़ सकती है।
अब भाजपा के 18 विधायक, नगा पीपुल्स फ्रंट के चार विधायक और लोजपा का एक विधायक बीरेन सिंह के साथ हैं। इस तरह मुख्यमंत्री समर्थक विधायकों की कुल संख्या 23 है। खास बात यह है कि शुक्रवार को राज्य से एक राज्यसभा सीट के लिए चुनाव होना है। भाजपा ने मणिपुर के नाममात्र के नरेश लीसेम्बा सनाजाओबा को अपना उम्मीदवार बनाया हैं तो वही कांग्रेस ने टी. मंगी बाबू पर भरोसा जताते हुए उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है। वही नगा पीपुल्स फ्रंट ने भी होनरीकुई काशुंग को उम्मीदवार बना कर मामला त्रिकोणीय बना दिया है। अब इन तीनो के बीच मुकाबला है. वोटिंग से एक दिन पहले कांग्रेस ने मणिपुर में बीजेपी का समीकरण बिगाड़ दिया है. एनपीपी को साधने के साथ-साथ बीजेपी में भी सेंधमारी करने में कांग्रेस सफल रही है. इससे सरकार के साथ-साथ राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का गणित बिगड़ता नजर आ रहा।
राज्य के राजनीतिक हालातों को देखकर कांग्रेस आज सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. माना जा रहा है कि कांग्रेस ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. वहीं, राज्य में जारी सियासी संकट के बीच पूरा दारोमदार राज्य की राज्यपाल नजमा हेपतुल्लाह पर आ गई है. अब देखना यह है कि राज्यपाल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करती है या कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बुलाती हैं।